Get Free Samas class notes in hindi, 6 Tip and Trick how to learn fast

इस लेख के माध्यम से हम समास (samas class notes in hindi) की परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और याद रखने हेतु सबसे आसान ट्रिक का उल्लेख किया गया है। समास मुख्यतः सभी प्रतियोगि परीक्षा में जिसमें हिन्दी syllabus होता हैं, वहाॅ पर कम से कम 1 या 2 प्रश्नों से 5-8 मार्क के प्रश्न आता ही है।

(Samas Class Notes in Hindi )समास क्या होता है ?

समास का शब्दिक अर्थ संक्षेप करना होता हैं। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बनने वाला सार्थक शब्द को समास कहते है।

समास रचना में मुख्यताः प्रकार के पद होते हैः

  1. प्रथम पद या पूर्व पद।

  2. उत्तर पद।

उदाहरणः- राजपुत्र = राज + पुत्र

राज – पूर्व पद या प्रथम पद है।
पुत्र – उत्तर पद है।

समास रचना में मुख्यताः प्रकार के 2 पद होते है
samas-class-notes-in-hindiसमास के पदों की संख्या।

समास के प्रकार:

समाज के छः प्रकार के होते हैः-

  1. अव्ययी भाव समास।
  2. तत्यपुरूष समास।
  3. कर्मधारण समास।
  4. द्विगु समास।
  5. द्वंद समास।
  6. बहुब्रीही समास।
(samas class notes in hindi)
samas class notes in hindi

1. अव्यीभाव समास :-

जिस समास का पहला पद अवयय या प्रधान होता है, अव्यीभाव समास कहते है। (samas class notes in hindi)

अव्यय अर्थात जिसे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।

पहचान –

जिसका पहला पद – प्रति, अनु, आ, भर, यथा, यावत, हर या हाथ-हाथ होता है, अव्यीभाव समास होते है।

उदाहरण-

प्रतिदिन = प्रति + दिन
आजन्म  = + जन्म
हाथोहाथ = हाथ + हाथ

2. तत्तपुरूष समास :-

जिस समास में बाद का पद अर्थात उत्तर पद प्रधान होता है। उसे तत्तपुरूष समास कहते है। मुख्यतः तत्तपुररूष समास में 07 प्रकार के कारक होते है। जो निम्नवत् हैः

  1. कर्ता = ने
  2. कर्म = को
  3. करण = से
  4. सम्प्रदान = के लिए
  5. अपादन = से (अलग होने वाला)
  6. सम्बन्ध = का, के, की
  7. अधिकरण = में ,पर, हो

उदाहरण – गगन चुंबी – गगन को चूमने वाला – कर्म तत्यपुरूष समास।
सूर रचित – सूर के द्वारा रचित -करण तत्यपुरूष
प्रयोगशाला = प्रयोग के लिए शाला = सम्प्रदान तत्यपुररूष समास।
धनहीन = धन से हीन = अपादान तत्पुरूष समास।
राजपुरत्र = राजा का पुत्र सम्बन्ध = तत्पुरूष समास।
पुरूषोत्तम = पुरूषों में उत्तम अधिकरण = तत्पुरूष समास।

3. कर्मधारण समास :

जिस भी पद का उत्तर पद की प्रधान होता हैं उसे कर्मधारण समास कहते है।

पहचान :

के समान, है जो,

उदाहरण :

चरण कमल = कमल के समान है चरण।

4. द्विगु समास :

जिस पद का पूर्व पद संख्यावाचक हो द्विगु समास कहते है। or पूर्व पद संख्यावाचक या समूल का बोध कराता है।

उदाहरण :

दोपहर = दो पहरों का समूह।
चैराहा = चार रास्ते का समूह।

5. द्वंद समास :

जिस पद में दोनों पद प्रधान हो, तथा समास विग्रह करने पर और, अथवा, या, एंव, तथा का प्रयोग हो या – Hyphen sine लगा हो उस समास को द्वंद समास कहते है।

उदाहरण :

माता-पिता = माता और पिता।

6. बहुब्रीही समास :

जिस समास में कोई भी पद की प्रधानता न हो आर्थात जिस पद में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है और उसका अर्थ कुछ ओर ही आता है। उसे बहुब्रीही समास कहते है।

अर्थात बहुब्रही समास में कोई तीसरा पद उपाधी वाचक होता है।

पहचान :

जो, जिसका, वाला।

उदाहरण :

लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका अर्थात गणेश जी।

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Ram Pal Singh

Hello, My name is Ram Pal Singh Yadav. I am founder of The Hindi Blogger.in Through this blog, we will provide articles and blogs related to education, sports and technology in Hindi.

This Post Has 4 Comments

  1. raj

    Thanks, for getting a good knowledge and class notes in Hindi

  2. Vinay

    Thanks so much

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