विजय नगर साम्राज्य की स्थापना सन् 1336 ई0 में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने विद्यारण्य सन्त के आशीर्वाद से मिल कर किया था। जिसकी राजधानी हम्पी थी। विजय नगर का शाब्दिक अर्थ जीत का शहर होता है।
जानते है कि विजयनगर साम्राज्य के उस प्रमुख पदाधिकारी को अब किस नाम से जाना जाता है।
नायक को सैनिक भू-सामंत को कहा जाता था।
दंडनायक सैनिक विभाग का प्रमुख तथा सेनापति को कहा जाता था।
लेखाधिकारी को कर्णिकम् नाम से जाना जाता था।
तद्समय सैन्य मदद देेने वाला सामंतों का वर्ग को अमर-नायक के नाम से जाना जाता था।
वंशानुगत ग्रामीण अधिकारी को आयंगर के नाम से जाना जाता था।
ज़मींदार को पलाइयागार के नाम से जाना जाता था।
विजय नगर साम्राज्य में मंदिरों की व्यवस्था करने वाले अधिकारी को मुद्राकर्ता के नाम से जाना जाता था।
नगर प्रशासन को उस समय गौड़ के नाम से जाना जाता था।
विजय नगर साम्राज्य में जो व्यक्ति राजा या गवर्नर का प्रतिनिधि करता था उसे परूपत्यगार के नाम से जाना जाता था।