जानवरों, वन जिवों के संरक्षण सम्बन्धित महत्वपूर्ण भारतीय कानून, जो हमें जानना चाहिएं !

जानवरों के संवौधनिक अधिकार के तहत उन्हें जीवन जीने का अधिकार व आजादी का अधिकर दिया गया है, जिसका उल्लंघन होने/करने पर सम्बन्धित के विरूद्ध कई तरह के दंड के साथ-साथ जेल भी हो सकते है।

सन् 1960 के पी0सी0ए0अधिनियिम के तहत किसी क्षेत्र में कुत्तों की संख्या अधिक होने पर प्रशासन पशु कल्याण संस्था की सहयोग से उनका नसबंदी करके उन कुत्तों को उसी इलाके में छोड़ना होता है लेकिन उसे मारा नहीं सकते हैं।

भारत देश में लागू सन् 1960 में पी0सी0ए0एक्ट की धारा 22 (ख) के तहत वन जिवों जैसे- बाघ, तेंदुए, शेर, भालू व बंदर यहाॅ तक बैल को भी अपने मनोरंजन के लिए प्रशिक्षित कराना या उसका प्रयोग करना गौर कानूनी है।

भारत देश में लागू सन् 1960 में पी0सी0ए0एक्ट की धारा 11 (1) के तहत पालतू जानवरों को भूखा नहीं रखा जा सकता है।