यह डेंगू वायरस (विषाणु) द्वारा होता है, जिसके चार विभिन्न प्रकार होते है। 1. टाइप 1. 2. टाइप 2. 3. टाइप 3. 4. टाइप 4. आम भाषा में इस बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत ही अधिक या तेजी से दर्द होता है।
मेलेरिया बुखार की तरह ही डेंगू बुखार (Dengue fever) भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को एडीज मच्छर के नाम से जाना जाता है। एडीज मच्छर काफी अधिक ढीठ व साहसी मच्छर के रूप में जाने जाते है। जो प्रायः दिन के समय में काटते हैं। भारत में यह मुख्य रूप से बरसात के मौसम से तथा उसके तुरन्तु बाद के महीनों अर्थात जुलाई से अक्टूबर माह में सबसे अधिक रूप से फैलते या होते है।
डेंगू बुखार से ग्रसित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस (Dengue fever) की मात्रा काफी अधिक हो जाती है। जब कभी भी एडीज मच्छर डेंगू के किसी भी रोगी को काटता या उसका खून चूसता है तो खून के साथ डेंगू का वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस कुछ और दिनों तक अपना विकास करते रहते है। जब कभी भी वही मच्छर किसी समान्य या स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो वह डेंगू वायरस उस व्यक्ति या मनुष्य के शरीर में पहुॅच जाता है।