डेंगू बुखार (Dengue fever) के लक्षण व कारण, 15 महत्वपूर्ण उपचार एवं बचाव के तरीके

डेंगू बुखार (Dengue fever) एक आम संचारी रोग है जिसकी मुख्य विशेषताए हैः तीव्र बुखार, अत्यधिक शरीर दर्द तथा सिर दर्द। यह एक ऐसी बीमारी है जो काफी होती है और समय-समय पर इसे महामारी के रूप में देखा जाता रहा है।

सन् 1996 में दिल्लीउत्तर भारत के कुछ भागों में इसकी महामारी घोषित किया गयी थी। डेंगू बुखार वयस्को के मुकाबले, बच्चों में यह बीमारी अधिक तीव्रता से होती है।

डेंगू बुखार (Dengue fever) किस कारण होता है ?

यह डेंगू वायरस (विषाणु) द्वारा होता है, जिसके चार विभिन्न प्रकार होते है।

  1. टाइप 1.
  2. टाइप 2.
  3. टाइप 3.
  4. टाइप 4.

आम भाषा में इस बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत ही अधिक या तेजी से दर्द होता है।

डेंगू बुखार फैलता कैसे है ?

मेलेरिया बुखार की तरह ही डेंगू बुखार (Dengue fever) भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को एडीज मच्छर के नाम से जाना जाता है।

डेंगू बुखार कारण, उपचार एवं बचाव

एडीज मच्छर काफी अधिक ढीठ व साहसी मच्छर के रूप में जाने जाते है। जो प्रायः दिन के समय में काटते हैं।

भारत में यह मुख्य रूप से बरसात के मौसम से तथा उसके तुरन्तु बाद के महीनों अर्थात जुलाई से अक्टूबर माह में सबसे अधिक रूप से फैलते या होते है।

डेंगू बुखार से ग्रसित रोगी के रक्त में डेंगू वायरस (Dengue fever) की मात्रा काफी अधिक हो जाती है। जब कभी भी एडीज मच्छर डेंगू के किसी भी रोगी को काटता या उसका खून चूसता है तो खून के साथ डेंगू का वायरस भी मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

मच्छर के शरीर में डेंगू वायरस कुछ और दिनों तक अपना विकास करते रहते है। जब कभी भी वही मच्छर किसी समान्य या स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो वह डेंगू वायरस उस व्यक्ति या मनुष्य के शरीर में पहुॅच जाता है।

इस प्रकार किसी साधारण या स्वस्थ मनुष्य को डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है, तथा कुछ ही दिनों में इसके लक्षण प्रकट होना प्रारम्भ हो जाता है।

डेंगू वायरस (Dengue fever) का संक्रामक काल या समय :

प्रायः जिस दिन से डेंगू वायरस से संक्रमित कोई भी मच्छर मनुष्य को काटता है तो उनके लगभग 03 से 05 दिनों के बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देना प्रारम्भ हो जाते है। जो 03 से 10 दिनों तक हो सकता है।

डेंगू बूखार (Dengue fever) के लक्षण :

इसका लक्षण इस बात पर निर्भर करता है कि डेंगू बुखार किस प्रकार का है। डेंगू बुखार तीन प्रकार के होते है।

  1. क्लासिकल या साधारण डेंगू बुखार।
  2. डेंगू हॅमरेजिक बुखार अर्थात डी0एच0एफ0।
  3. डेेंगू शॉक सिन्ड्रोम या डी0एस0एस0।

A. क्लासिकल या साधारण डेंगू बुखार :

यह एक साधारण बुखार एवं स्वयं ठीक होने वाली होती है। इसमें किसी भी मनुष्य की मृत्यु नहीं हो सकती है। इस डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5 से 7 दिनों तक का होता है और रोगी जल्द ही ठिक हो जाता है।

क्लासिकल या साधारण डेंगू बूखार के लक्षण :

प्रायः ज्यादातर मामलों में रोगियों को साधारण डेंगू बुखार ही होता है। इसके लक्षण निम्नवत् है:-

 

डेंगू बूखार के लक्षण

  • ठंड लगने के साथ-साथ अचानक से तेज बुखार का आना।
  • मांसपेशियों , सिर, जोड़ों एवं पूरे शरीर में दर्द होना।
  • आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आंखों को दबाने व हिलाने से और अधिक हो जाता है।
  • भूख बहुत ही कम लगना व अत्यधिक कमजोरी का लगना।
  • मुॅह का स्वाद खराब हो जाना।
  • गले में हल्का-हल्का दर्द का होना।
  • शरीर पर लाल ददोर का होना।

 

B. डेंगू हॅमरेजिक बुखार या डी0एच0एफ0 :

अगर साधारण डेंगू लक्षणों के साथ-साथ नाक, मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून का आना या जाना, त्वचा पर गहरे नीले व काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना आदि लक्षण आता है या प्रकट होता है तो यह डी0एच0एफ0 डेंगू होने का शक करना चाहिए।

C. डेंगू शॉक सिन्ड्रोम या डी0एस0एस0 :

इस प्रकार के डेंगू के रोगी के उपर उपरोक्त लक्षणों के साथ-साथ रोगी को अत्यधिक बेचैन हो जाना, शरीर धीरे-धीरे ठंड पड़ने लगना, रोगी धीरे-धीरे अपना होश खोने के साथ-साथ रक्तचाप कम होने लगता है।

डेंगू बुखार (Dengue fever)  के उपचार :

यदि रोगी को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका उपचार व देखभाल घर पर ही की जा सकती है जबकि रोगी अगर डी0एस0एफ0 या डी0एस0एस0 के लक्षण या रोगी होता है तो तत्काल ही रोगी को अपने निकटतम किसी अस्पताल में ले कर जाएं। जहॉ पर डाक्टर द्वारा रोगी का आवश्यकतानुसार जॉच या परिक्षण करने के उपरान्त सही से निदान किया जा सकता है।

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Ram Pal Singh

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