the hindi blogger
दिल्ली भारत की राजधानी है। जो हर किसी के लिए एक शानदार स्थानों में से एक है। भारत का दिल्ली भारतीय इतिहास का एक ऐतिहासिक स्थान [historicl places in hindi] हैं, जहाॅ इस शहर में कई राजवंशों , शासकों, बादशाहों ने अपना प्रभाव स्थापित या राज्य किये या फिर शासन किया है, और प्रत्येक राजवंश ने अपना छाप छोड़ हुए है। .
Animators need RAM and processing speed. Period.
लाल किला जो भारत का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक (historical places) स्थानों में से एक है। जहाॅ प्रत्येक 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री जी भारत का झंडा फहराते व देश को संबोधन करते है। जिसका निर्माण मुगल वंश के पाॅचवें शासक शाहजहाँ से सन् 1639 ई0 में करवाया था। जो पूरी तरह से बलुआ लाल पत्थर से बना हुआ है जो मुगल शासन की सर्वश्रेष्ठ कृतियों में एक मानी जाती है।
बड़ा गुंबद भारत देश के राजधानी नई दिल्ली के लोधी गार्डन में स्थित है। यह मध्ययुकालीन संरचना है। जो मुख्य रूप से एक मस्जिद है। जहाॅ प्रत्येक शुक्रवार को नामज अदा किया जाता है। सन् 1490 ई0 में लोदी वंश के महान शासक सिंकदर लोदी ने करवाया था। इतिहासकारों का मनना है कि नई दिल्ली में निर्मित बड़ा गुंबद दिल्ली में बनने वाला प्रथम गुंबद जैसी इमारत है।
>>> Next page
पुरानी दिल्ली को शाहजहानाबाद के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण सन् 1638 ई0 में मुगल सम्राट शाहजहाॅ ने करवाया था। जिनका उद्देश्य उनके द्वारा स्थापित किया गया शहर शाहजहानाबाद को किलेबंदी के रूप में घोरावा किया जाना था।
>>> 02 for Writers
फिराजे शाह कोटला जिसे हम कोटला के नाम से भी जानते है। जिसका स्थापना राजा तुगलक वंश के शासक फिरोज शाह द्वारा अपनी शहर को मजबूत व सूरक्षित रखने हेतु निमार्ण कराया गया था। जो वर्तमान समय में एक खंडहर के रूप में विद्यायमान है। कोटला किला में आज भी इसकी निमार्ण की छलक दिखाई देती है। जिसमें बुलआ पत्थर, टोपरा अशोकन स्तम्भ आदि है। जो अपने मूल रूप में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवायां गया है।
दिल्ली में स्थिति यह स्थान भारत के द्वितीय मुगल बादशाह हुमायूँ द्वारा बनवाएं गया था। जो भारतीय उपमहाद्वीप पर बनवाएं गया प्रथम उद्यान मकबरा है। उस समय तक भारत में लाल बलुआ पत्थर से निर्मित कोई भी स्थान या संरचना नहीं पाया गया है। यूनेस्को द्वारा इसे सन् 1993 ई0 में विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया गया है।
इसका निर्माण भारत के मुगल बादशाह शाहजहाॅ से सन् 1650 ई0 से लेकर सन् 1656 ई0 में करवायां था। जो एक मस्जिद है। यह मस्जिद पूरे भारत में सबसे भव्य और सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसे मस्जिद-ए-जहान-नुमा के नाम से भी जाना जाता है।