संयुक्त राष्ट्र में वर्ष 2022 का गरीबी उन्मूलन रिपार्ट- 2022 (Gareebee Unmoolan Report 2022) जारी कर दिया गया है। जिसके अनुसार भारत ने भारत में गरीबी उन्मूलन (Gareebee Unmoolan) में किये गये कार्य उपलब्धियों से भरा रहा है।
लेकिन इसके बाद भी आज भी भारत में गरीबी की संख्या काफी अधिक है। चिन्ता की बात तो यह है कि भारत में 59.3 करोड़ की संख्या सिर्फ बच्चों की जो गरीब में रह रहे है।
संयुक्त राष्ट्र के अपनी रिपार्ट 2022 के अनुसार भारत ने गरीबी उन्मूलन (Gareebee Unmoolan) में तमाम उपलबियां हासिल कर ली हैं पर अभी भी भारत में लगभग 22.89 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जिवन यापन कर रहे हैं।
भारत को जिन्हें बाहर निकालने एक चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ है। यह संख्या और बढ़ने का अनुमान है क्योंकि मौजूदा आंकड़े 2020 के आधार पर अंकित की गयी है।
जबकि आप जानते है। कि वर्ष 2020 व 2021 में कोराना महामारी की वजह से यह संकट और बढ़ा ही होगा।
जानिएं रिपोर्ट की 10 महत्वपूर्ण बिन्दुओं गरीबी उन्मूलन रिपोर्ट (Gareebee Unmoolan Report 2022) के बारे में:
1. 9.7 करोड़ बच्चे 2021 में गरीब के चंगुल में थे जो कि किसी भी अन्य देश में मौजूद कुल गरीबों की संख्या से भी अधिक है।
2. भारत का बहुआयामी नीतिगत नजरिया बताता है कि समेकित हस्तक्षेप से करोड़ों लोगों की जिंदगी बेहतर बनाई जा सकती हैं।
3. तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना और खाद्य व. ईंधन में महंगाई से दिक्कतें बढ़ीं और पौष्टिक खानपान का संकट आया है।
4. कोरोना महामारी के प्रभाव का इसमें आकलन नहीं क्योंकि इसमें शामिल 71 फीसदी आंकड़े महामारी के पहले के हैं।
5. विश्व में करीब 1.2 अरब यादी दुनिया की कुल आबादी का 19.1 फीसदी लोग आज भी विपन्नता में जी रहे हैं।
आज भी विश्व में करीब 59.3 करोड़ की संख्या सिर्फ बच्चों की है जो गरीबी में रह रहे कुल लोगों का लगभग आधा है।
विश्व में कुल 111 देशों में अध्ययन के आधार पर रिपार्ट तैयार की गई है।
6. भारत में वर्ष 2005 से 2006 से लेकर 2015-16 तक के दौरान 27.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले है।
2015-16 से लेकर 2019-21 के दौरान भारत देश में 14 करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकले है।
7. संयुक्त राष्ट्र की रिपार्ट के आधार पर भारत देश के गांवों में रहने वाले 21.2 प्रतिशत लोग गरीब है, जबकि शहरों में यह प्रतिशत मात्र 5.5 प्रतिशत है।
8. भारत में अभी भी 23 करोड़ लोगा अभी भी गरीब है। जिसमें से 90 प्रतिशत लोग अभी भी भारत देश के गावों में रहते है।
9. भारत दक्षिण एशिया का एकमात्र ऐसा देश है जहाॅ आज भी पुरूष प्रधान के मुकाबले महिला प्रधान घरों में गरीबी ज्यादा है।
10. भारत में महिला प्रधान घरों के 19.7 प्रतिशत लोग गरीब रेखा के नीचे हैं, जबकि पुरूष प्रधान घरों के 15.9 प्रतिशत निर्धन जीते हैं। भारत देश में 3.9 करोड़ गरीब महिला प्रधान वाले घरों में आज भी लोग रहते है।
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