आज जो हम फास्ट फूड पिज्जा का इतिहास के बारें में जानेंगें, जो आप इतना प्यार से खाते है, क्या आपको पता है कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय व फास्ट फूड की जड़ें बहुत ही प्राचीन हैं,
लेकिन आज यह अनुमान लगाना कठिन है कि वर्तमान समय में लोकप्रिय फास्ट फूड पिज्जा जिसने आज अपना एक वैश्विक प्रभुत्व में आपना अलग ही स्थान स्थापित कर लिया हैं।
पिज्जा का इतिहास :
अगर आपको बहुत ही ते भूख लगा है और उसी समय लजीज भोजना मिल जायें तो क्या कहना मजा ही आ जायेगा। कहने का अर्थ यह है कि लजीज सामान या भोजन किसे पसंद नहीं है?
पिज्जा दुनिया के सबसे लोकप्रिय लजीज भोजन व खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसे प्रत्येक साल पांच अरब से अधिक लोगों द्वारा खाया जाता है।
जिसे हम आधुनिक पिज्जा के रूप में जानते हैं (और प्यार करते हैं) वास्तव में 1800 के दशक के अंत में ही इसकी छलक दिखाई पड़ती है।
पिज्जा, किसी न किसी रूप में, हजारों साल पहले से ही लोगों द्वारा खाया जाता रहा हैं। अगर हम छठी शताब्दी ईसा पूर्व में,
या फिर फारसी सैनिक जब अपने युद्ध ढाल के ऊपर पनीर और खजूर के साथ फ्लैटब्रेड सेंकते थे,
या हम प्राचीन ग्रीस में, प्लाकस नामक एक फ्लैटब्रेड खाया जाता था,
जो मुख्यतः जड़ी-बूटियों, प्याज, पनीर और लहसुन जैसी सामग्री का स्वाद से बना होता था।
जो वर्तमान समय में खाया जा रहा पिज्जा का शुरूआती का प्रारम्भीक अवस्था या मूल हो सकता है।
पिज्जा का इतिहास कहॉ, कब और किसने इसका आविष्कार किया अगर इतिहासकरों ने हवाईयन, मार्गेरिटा पेपरोनी से लेकर वेजी पिज्जा तक व वर्तमान समय में दुनिया के सबसे लोकप्रिय फास्ट फूड में से एक पता लगाया था।
पिज्जा का आविष्कार इतिहास कहाँ और कब हुआ था?
इतिहासकारों का मानना है कि पिज्जा शब्द की उत्पत्ति इतालवी और ग्रीक साहित्य से हुई है।
एक छोटे से इतालवी गांव जो लैटिन दस्तावेज है जिसमें पिज्जा का सबसे प्रथम बार उल्लेख पाया गया है।
पहली शताब्दी ईसा पूर्व में, एक रोमन कवि ने पिज्जा की तरह दिखने वाले ब्रेड के के घेरे के बारे में बात की है।
प्राचीन रोम में लोग पिंसा को गर्म राख पर पकाते थे, और जो आधुनिक पिज्ज़ा के सबसे करीब आता है।
सालों बाद, 18वीं सदी में, पिज्ज़ा का जन्म इटली के एक शहर नेपल्स से माना जाता है। पहले के पिज्जा वह स्वादिष्टता नहीं थी जो अब के पिज्जा में है।
उन दिनों, नेपल्स के लोग पिज्जा इस लिए खाते थे क्योंकि यह सिर्फ टॉपिंग के साथ एक फ्लैटब्रेड था और यह सस्ता होता था।
इसी वजह से पिज्जा तद्समय आम आदमी का पकावान की तहर देखा जाता था। यहॉ तक कि उस समय, दुकानें इस आम आदमी या गरीब आदमी के पकवान को नहीं बेचा जाता था।
तो इस व्यंजन पर ध्यान दिया गया कि कोई भी इसके बारे में लिखना नहीं चाहता था। जो लोग इसके बारे में लिखना चाहते थे उनके पास कहने के लिए कुछ भी अच्छा नहीं था।
18वीं शताब्दी के समय पिज्जा के साथ, इटालियंस ने टमाटर का भी स्वाद देने के लिए पेश किया जो बाद में लोगों का पसंदीदा फास्ट फूड बन गया है।
दिलचस्प बात यह है कि जिस समय यह किया गया उस समय के टमाटर को जहरीला समझते थे। है न बहुत ही दिलचस्प बात!
पिज्जा का आविष्कार किसने किया?
पिज्जा सबसे अधिक प्रसिद्धि इटली के एकीकृत होने के बाद आया। जब नेपल्स की अपनी यात्रा पर राजा अम्बर्टो प्रथम और महारानी मार्गेरिटा एक इतालवी व्यंजन बनाने की कोशिश करने के इरादे में थी, उन्हें अपने सामान्य भोजन से अलग होने की जरूरत थी।
इतालवी रैफेल एस्पोसिटो उस प्रमुख स्वादिष्ट पिज्जा को बनाने वाले पहले व्यक्ति थे। पिज़्ज़ेरिया डि पिएत्रो वह स्थान था जहाँ उन्होंने अपना सर्वप्रथम इतालवी रैफेड एस्पोसिटो ने बनाया था।
यह कहना सही है कि सन् 1889 में रानी नेपल्स की यात्रा पर पिज्जा को रॉयल्टी कमीशन किया गया था।
उनके सम्मान में नेताओं ने रैफेल को सिग्नेचर फूड बनाने को भी कहा गया। जो रानी मार्गेरिटा व उनकी डिश मिलती थी, जो विभिन्न प्रकार के पिज्जा के रूप में परोसा जाता था।
एक पिज्जा जिसकी सामग्री में इतालवी ध्वज के रंग थे और जो उसका पसंदीदा था बाद में, इटली ने पिज्जा का नाम उनके नाम पर रखा।
पिज्जा का भारत में क्या इतिहास है,पिज्जा कब आया व कैसे आया
पिज्जा का इतिहास के बारें में भारत में पिज्जा का सफर यूनान इटली व अमेरिका आदि देशों से होते हुये 18 जून, 1996 में भारत देश में पहॅुचा।
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