हिन्दी भाषा के विकास, इतिहास व उत्पत्ति से सम्बन्धित 15 महत्वपूर्ण Tips and Trick जो आपको जानना चहिए !

15 Important Tips and Tricks related to the development, history and origin of Hindi language that you should know. इस लेख के माध्यम से हम हिन्दी भाषा के विकास, इतिहास व उत्पत्ति (History and origin of Hindi Language)  प्रकार, उदाहरण and another important fact को याद रखने हेतु सबसे आसान ट्रिक का उल्लेख किया गया है। हिन्दी भाषा के विकास मुख्यतः सभी प्रतियोगि परीक्षा में जिसमें हिन्दी syllabus होता हैं, वहाॅ पर कम से कम 1 या 2 प्रश्नों से 5-8 मार्क के प्रश्न आता ही है।

हिन्दी भाषा के विकास व इतिहास :

समान्तः विश्व में वर्तमान समय में लगभग 3000 से अधिक भाषाएं उपलब्ध है जो विश्व के विभिन्न प्रकार के लागों द्वारा बोले व लिखे जाता है।

हिन्दी भाषा विश्व की समसे प्रचीनतम् भाषाओं में से एक है। अगर हिन्दी भाषा की विकास की बात करें तो आकृति या रूप के आधार पर हिन्दी भाषा वियोगात्मक या विश्लिष्ट भाषा माना या कहा जाता है।

भाषा परिवार के आधार पर बात करें तो हिन्दी भाषा भारोपीया भाषा के एक भाग है। भारत देश में भाषा के मुख्यतः 4 भाषा परिवार है, जो निम्नवत है:-

  1. भरोपीया परिवार।
  2. द्रविड़ परिवार।
  3. आस्ट्रिक परिवार।
  4. चीनी तिब्बती परिवार।

वर्तमान भारत में भरोपीया परिवार के बेलने वाले लागों का प्रतिशत लगभग 73 प्रतिशत, द्रविड़ परिवार के बोलने वाले लोगो का प्रतिशत लगभग 25 प्रतिशत, आस्ट्रिक परिवार का 1.3 प्रतिशतचीनी तिब्बती परिवार के बेलने वाले लोगों का प्रतिशत लगभग 0.7 प्रतिशत है।

कहने का अर्थ है कि भारत देश में सबसे ज्यादा बोली जाने भाषा वाली भेरोपीया परिवार, उसके बाद द्रविड़ परिवार की भाषा लोगों द्वारा बोली जाती है।

हिन्दी भाषा का विभाजन कितने कालों में हुआ है ?

मुख्यतः हिन्दी भाषा का विभाजन 03 कालों में किया गया है जो निम्नानुसार है:-

  1. प्राचीन काल।
  2. मध्यकाल।
  3. आधुनिक काल।

(1). प्राचीन काल :

प्रचीन का आरम्भ या काल युग 1100 ई0 से 1300 ई0 या 1100 ई0 से 1400 ई0 तक माना जाता है। प्रचीन युग के प्रमुख कवि मुख्यतः अमिर खुसरो, चन्द्रवरदाई (पृथ्वी राज रासों) प्रमुख थे। प्रचीन युग में हिन्दी भाषा के विकास का महत्वपूर्ण योगदान है।

काला युग :- 1100 ई0 से 1300 ई0 या 1400 ई0 तक।
प्रमुख कवि :- अमीर खुसरो व चन्द्रबरदाई आदि।

मुकरिया यह एक प्रकार का पहेली होती है, जिसके अन्त में उसका उत्तर छिपा होता है।

(2.) मध्यकाल :

मध्यकाल युग सन् 1350 से सन् 1850 या 1400 से 1870 ई0 तक के समय को माना जाता है। मध्यकाल के प्रमुख कवि मुख्यतः मलिक मोहम्द जायसी, कबीर, तुलसीदास व सूरदास है।मध्यकाल युग में हिन्दी भाषा के विकास का महत्वपूर्ण योगदान है।

कालयुग :

सन् 1350 से 1850 या सन् 1400 से 1870 ई0 तक।

प्रमुख कवि :

मलिक मोहम्मद जायसी – पदमावत्, अखरावत, आखरी कलाम।

कबीरदास :

कबीरदास को वाणी का डिक्केटटर के नाम से भी जाना जाता है जिसे सर्वप्रथम हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने कहा था। इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नवत् है:-

  • कबीर साखी: इस ग्रंथ में कबीर साहेब जी साखियों के माध्यम से सुरता (आत्मा) को आत्म और परमात्म ज्ञान समझाया करते थे।
  • कबीर बीजक: कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
  • कबीर शब्दावली: इस ग्रंथ में मुख्य रूप से कबीर साहेब जी ने आत्मा को अपने अनमोल शब्दों के माध्यम से परमात्मा कि जानकारी बताई है।
  • कबीर दोहवाली: इस ग्रंथ में मुख्य तौर पर कबीर साहेब जी के दोहे सम्मलित हैं।
  • कबीर ग्रंथावली: इस ग्रंथ में कबीर साहेब जी के पद व दोहे सम्मलित किये गये हैं।
  • कबीर सागर: यह सूक्ष्म वेद है जिसमें परमात्मा कि विस्तृत जानकारी है।
तुलसीदास :

तुलसीदास की प्रमुख रचनाएं निम्नवत् है :

  • रामचरितमानस
  • वैराग्य-संदीपनी
  • बरवै रामायण
  • पार्वती-मंगल
  • जानकी-मंगल
  • दोहावली
  • कवितावली
  • गीतावली
  • श्रीकृष्ण-गीतावली
  • विनय-पत्रिका
  • संकट मोचन
  • हनुमान चालीसा
सूरदास :

सूरदास को अष्टछाप का जाहाज के नाम से भी जाना जाता है। सूरदास जी की प्रमुख रचनाएं निम्ननुसार है:

(1) सूरसागर
(2) सूरसारावली
(3) साहित्य-लहरी

आधुनिक हिन्दी काल युग:

आधुनिक हिन्दी काल युग सन् 1850 से अभी तक है। इस काल खण्ड को भारतेन्दु युग के नाम से भी जाना जाता है। आधुनिक भाषाओं का स्पष्ट रूप 14वीं शताब्दीं से प्राप्त होता है। आधुनिक युग में हिन्दी भाषा के विकास का महत्वपूर्ण योगदान है।

हिन्दी भाषा की जननी संस्कृत को माना जाता है।

हिन्दी भाषा के विकास का सही अनुक्रम कौन-सा है ॽ

हिन्दी भाषा का विकास मुख्यतः संस्कृत से पालि, पालि से प्राकृत, प्राकृत से अपभ्रंस, अपभ्रंस से अवहरअवहर से हिन्दी भाषा का विकास क्रम माना जाता है।

संस्कृत ⇒ पालि ⇒ प्राकृत ⇒ अपभ्रंश ⇒ अवहर ⇒ हिन्दी।

हिंदी भाषा के विकास का वर्णन कीजिए 800 शब्दों में, हिंदी भाषा का विकास काल माना जाता है, हिंदी भाषा का विकास काल माना जाता है, हिंदी कितनी पुरानी भाषा है ? उपरोक्त ब्लाॅग से आपके सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर मिल जायेगा।

आशा करता हुॅ कि आपको हमारा यह ब्लाॅग अच्छा लगा होगा अपना Quc व अन्य महत्वपुर्ण बिन्दु पर लेख चहते है तो आप निचे दिये गये Comment box  में Comment कर सकते है। Thank you ….

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Ram Pal Singh

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